बिना मिस्त्री के पुरानी मशीन को दोबारा चलाया – जानिए पूरा तरीका

 🔧 पुरानी पानी की मशीन को दोबारा ज़िंदा किया – मेरा देसी जुगाड़ और असली मरम्मत का अनुभव

हर किसी के घर में कोई न कोई पुरानी चीज़ होती है जो कभी काम करती थी, लेकिन अब बस कोने में पड़ी रहती है। मेरे पास भी एक Usha कंपनी की पुरानी वॉटर मशीन थी, जो सालों से धूल खा रही थी। कई बार सोचा कि इसे कबाड़ी को दे दूँ, लेकिन फिर मन नहीं माना।
एक दिन ठान लिया कि इसे दोबारा चालू करूँगा। ना कोई मिस्त्री, ना कोई खर्च – सिर्फ खुद से। यही रहा मेरा पूरा सफर, जो शायद आपके भी किसी बंद पड़े मशीन को ज़िंदा कर दे।

🧰 शुरुआत – जब मशीन देखी तो लगा, ये तो कबाड़ है!

मशीन को देखा तो धूल, जंग और जमे हुए ऑइल की बदबू सब मिलाकर एकदम भूतिया लग रही थी। फ्यूल टैंक गल चुका था, पाइप सड़े हुए थे, और चैलेंसर कार्बन से चोक था। लेकिन अंदर से आवाज आई – "कर सकता हूँ।"

🧪 पहला कदम – फ्यूल टैंक को बोतल में बदलना

सबसे पहले टैंक का जुगाड़ करना पड़ा।

टैंक की हालत ऐसी थी कि उसमें अब कोई भी तरल चीज रखना खतरे से खाली नहीं था। इसलिए एक मजबूत प्लास्टिक की बोतल ली, उसका ढक्कन काटा, और उसमें पाइप फिट किया। पाइप को अच्छी तरह सील किया ताकि कहीं से लीक ना हो। यह जुगाड़ सिर्फ काम चला नहीं – बल्कि उम्मीद से बेहतर निकला।

🧹 दूसरा स्टेप – मशीन की पूरी सफाई

अब बारी थी मशीन को खोलने की।

मैंने धीरे-धीरे स्क्रू खोले और हर हिस्सा अलग किया।

पाइपों के अंदर कीचड़ और पुराना तेल जमा था।

चैलेंसर (silencer) में कार्बन की मोटी परत थी।

फ्यूल फिल्टर clogged था।

ब्रश, पतली तार, पेट्रोल और पुराने कपड़े से सबको साफ किया।

साफ-सफाई में 2 घंटे लग गए, लेकिन जब पुर्जे चमकने लगे, तो दिल खुश हो गया।

🛢️ ऑइल की जांच – खर्च बचाया मगर ध्यान से

मशीन का पुराना ऑइल बाहर निकाला।

थोड़ा अजीब लगा कि पुराने ऑइल को दोबारा डालना चाहिए या नहीं, लेकिन जांच की –

कलर थोड़ा गाढ़ा था पर जला हुआ नहीं लगा।

स्मेल भी नार्मल थी।

उंगली पर रगड़कर देखा – चिकनाई अब भी बरकरार थी। तो उसे अच्छे से फिल्टर किया और दोबारा मशीन में डाल दिया। नया ऑइल डालने की ज़रूरत नहीं पड़ी – ₹300 बच गए!

🔧 रेंज स्क्रू से फ्यूल का सेटअप

अब बारी थी फ्यूल का बहाव सेट करने की।

रेंज स्क्रू से फ्यूल का फ्लो ठीक किया ताकि ना ज्यादा जाए, ना कम।

एकदम संतुलन बना। अब मशीन ना ज्यादा धुआं छोड़ रही थी, ना झटका दे रही थी।

🔄 मशीन स्टार्ट – और फिर वही पुरानी आवाज

सभी पार्ट्स वापस फिट किए, बोतल टैंक को मजबूती से सेट किया, पाइप जोड़े और मशीन को स्टार्ट किया।

पहली बार में ही चालू हो गई!

वो जो आवाज थी ना, बिल्कुल वैसी ही जैसे सालों पहले थी।

दिल में जो संतुष्टि थी, वो कोई मिस्त्री दे नहीं सकता।

🎥 वीडियो देखें – कैसे मैंने पुरानी वॉटर मशीन को फिर से चालू किया

📌 सीख:

जुगाड़ भी काम करता है अगर दिल से किया जाए।

हर पुराना पार्ट बेकार नहीं होता – कभी-कभी सिर्फ सफाई काफी है।

मशीनों से भी रिश्ता जुड़ता है, जब आप उन्हें खुद ठीक करें।

📚 ये भी पढ़ें –चेनसॉ मशीन स्टार्ट नहीं हो रही थी? ऐसे सुलझाई प्रॉब्लम – पूरा प्रोसेस

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